मेरा पिछली पोस्ट का अनुभव बड़ा ही ख़ास रहा!मुझे एहसास हुआ कि कितने सज्जन मेरे हित में सोच रहे है!मै अकेला नहीं हूँ यहाँ!मुझे गिरता देख कितने ही सज्जन मुझे सम्हालने के लिए तत्पर दिखे!
आज के समय मे अपनी इस अनन्त व्यस्तता में से भी आप सब ने मुझ तुच्छ के लिए समय निकाला,उस के लिए मै आप सबका धन्यवाद करना चाह रहा हूँ!आभार वयक्त करना चाह रहा हूँ,पर कैसे?
मै कोशिश करूँगा कि अपना सर्वश्रेष्ठ सदैव आपके समक्ष प्रस्तुत करूँ!
विचारो कि उधेड़बुन जो सदा ही मन में चलती रहती है वो कभी-कभी शब्दों का सहारा पाकर ना जाने क्या बन जाती है!ऐसी ही एक उधेड़-बुन सी आज आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ,इसे सुलझाने में आप मेरी मदद जरुर करेंगे,पता नहीं क्यूँ,मुझे ऐसा लग रहा है!
ना सोचे तो लापरवाह
सोचने लगे तो चिंतित,
ना करे तो कामचोर
करने लगे तो पागल,
पता नहीं क्या चाहते है ये दुनियावाले
मुझ से,
डुबोना,
तैराना
या फिर
कि बैठा ही रहूँ मै
उस ओर ही नदी के.....?
विचारो की इस लहर को
साहिल तक पहुंचाऊं
या
समा जाने दूं सागर में ही......?
जय हिंद,जय श्रीराम,
कुंवर जी,
tension nhi lene ka
जवाब देंहटाएंhamesha mast rahne ka
duniya ki nhi sunne ka aur hamesha man ki karne ka
samjhe munna
to lage raho aur likhte raho jo aapke man me aaye
ok
Kuch to log kahenge,
जवाब देंहटाएंlogo ka kaam hai kahna..
chhodo bekaar ki uljhan ko,
2 pal ka safar hai kahi beet na jaaye raina..
वाह जी वाह, बहुत बढ़िया , गुस्से और क्षोभ में भी बहुत काम की लहर उठी, अब इसे साहिल तक ही पहुंचा के दम लीजिएगा !
जवाब देंहटाएं@संजीव राणा- धन्यवाद राणा साहब!
जवाब देंहटाएं@maddyascetic जी-आपका स्वागत है जी,हौसला बढाने के लिए मै आपका आभारी हूँ जी,
@पी,सी.गोदियाल जी-आप सब का स्नेहाशीष ही है जो कुछ भी है!सदा बनाए रखियेगा जी!यही गुजारिश है बस!
कुंवर जी,
good....
जवाब देंहटाएंहमसे सभी करते आस, करे हम तम का नाश
जवाब देंहटाएंहुए हम जो कभी निराश, बड़ों ने दिलाया विश्वास
सभी नहीं पर कुछ है ऐसे, पेड़ खड़े हो बरगद जैसे
परवाह नहीं इन कुछ की,"अमित" रहो तुम हो जैसे
BEAUTIFUL KUNWAR JI
जवाब देंहटाएंacchi rachna!
जवाब देंहटाएंबहुत ठीक दिशा में सोच रहे हो भैया ...अगर इस दुनिया कि चिंता में रहे तो कुछ नहीं कर पाओगे !! आप अपना विवेक का प्रयोग करें और ईमानदार रहें ! हार्दिक शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंअति सुंदर आलेख
जवाब देंहटाएंशुक्रिया
Bas apme man ki karen ... duniya to har baat par kuch n kuch kahegi ...
जवाब देंहटाएंbahut achee hai aapki rachna ..
बहुत सुन्दर प्रस्तुती
जवाब देंहटाएंpanktiyaan bahut sundar likhi hai!
जवाब देंहटाएं@अमित भाई साहब आपके इशारे बहुत है तम के नाश के लिए!इसका तो हमे भी है विश्वाश!
जवाब देंहटाएं@संजय जी,@रोहित जी-आपका शुक्रिया यहाँ आकर मेरा हौसला बढाने के लिए!
@सतीश जी,@गिरीश जी,@दिगंबर नसवा जी-इस मार्गदर्शन के लिए मै आपका आभारी हूँ!कृपया नियमित रूप से समझाने आते रहे!
@डिम्पल जी,@पारुल जी-आपको मुझ तुच्छ की ये पंक्तियाँ सुन्दर लगी ये तो आपका बड़प्पन है!इस सहयोग के लिए धन्यवाद है जी!
कुंवर जी,