मंगलवार, 10 जनवरी 2012

कंगालों की हम से बड़ी मिसाल क्या है.....?(कुँवर जी)

क्या बताऊ तुम्हे की हाल क्या है..
कंगालों की हम से बड़ी मिसाल क्या है..?


बुझने में जिसे खो रहे जीवन अब तक
पता ही नहीं की असल में सवाल क्या है..?

भीड़ में शामिल हो खूब मचा आये शोर,
समाचारों में सुनते की आखिर ये बवाल क्या है..?

असहमति की अभिव्यक्ति हम कर सकते है,
करते नहीं पता नहीं मन में ये जंजाल क्या है..?

 जो राजी ही नहीं कभी हम से हुए,
उनकी हम से नाराज होने की ये चाल क्या है..?

बिना धन के गरीब देखे थे बहुत जग में,
अपनी आत्मा भी न मिली अपने पास,
न ज़मीर ही कही ढूंढ सके,
ना पाए विचार ही ओढने की खातिर,
ना पलके साहस कर सकी उठने का...
तो जाने कि असल में ये "कंगाल" क्या है..? 

क्या बताऊ तुम्हे की हाल क्या है..
कंगालों की हम से बड़ी मिसाल क्या है..?



जय हिंद,जय श्रीराम,
कुँवर जी,

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